पार्ट -12
by Sonal Johari
Summery
मेरी माँ इसे अपनी बहू को देना चाहती थी पता नहीं तुम्हे नथ पहनना पसंद भी होगा या नहीं लेकिन …” इससे पहले कि अपनी बात पूरी कर पाता अंकित…अनामिका ने वो नथ पहन ली..लाल हरे दानों वाली नथ पहने वो बेहद खूबसूरत दिख रही थी
- Language: Hindi
अंकित चारो मीटिंग अच्छी तरह से करने के बाद घर पहुंचा …और वहां से अनामिका में घर पहुंच गया ..पहले ही तय कर चुका था कि रुचिका के बारे में कुछ नहीं बताएगा अनामिका को,,.अंदर पहुँचा तो देखा, सामने सीढियों से उतरती वो …सफेद ड्रेस पर पड़ती नीली आभा में …यूँ मालूम हुई जैसे पहाड़ो से नदी निकलती है…अंकित उसे तब तक अपलक देखता रहा जब तक कि वो उसके ठीक सामने नहीं आ गयी….
अनामिका:–“ऐसे क्या देख रहे हो …हम्म”
अंकित:-“नहीं .कुछ नहीं…बस्स ये कि तुम कितनी खूबसूरत हो….अच्छा चलो ….जल्दी चलो “
अंकित उसका हाथ पकड़ कर बोला
अनामिका:–“कहाँ ….कहाँ चलना है”
अंकित -:–“शॉपिंग करने चलो …मेरी जेब के सारे पैसे खर्च कर दो”
अनामिका:–“अच्छा “
अंकित:–“हाँ… हाँ…. फिर मैं तुम्हारे सारे शॉपिंग के बैग उठाकर पीछे पीछे चलूँगा,और तुम एक प्रिन्सेज़ की तरह आगे आगे “
अनामिका:-(मुस्कुराती हुई) अच्छा …तो तुम फिर पूरे महीने क्या करोगे “?
अंकित:–“मैं अपनी कम्पनी से एडवांस ले लूंगा…”अंकित बडे खुश होते हुए कहा
अनामिका:–मन ही मन ये नहीं कहोगे,कि कैसी प्रेमिका है मेरी,जिसने सारे पैसे खर्च करा दिए …जेब खाली करा दी “
अंकित:–“नहीं बिल्कुल नहीं ..तुम्हे पता नहीं है हम लड़कों का, एक तरफ जेब खाली होने का रोना भी रोते रहेंगे …और मन ही मन ये सोच कर खुश भी होते रहेंगे कि कोई है,जो हम और हमारे पैसों पर इतना हक़ रखता है”
अनामिका:–अच्छा
अंकित:– हम्म….चलो ना (अंकित मनुहार करते हुए बोला)
अनामिक :–सुनो अंकित, मेरे पापा को ये पूरा शहर अच्छे से जानता है,किसी ने अगर तुम्हारे साथ मुझे देख लिया तो बहुत मुश्किल हो जाएगी ?..बताओ …मैं जरूरी हूँ या शॉपिंग ?
उसने अंकित को पूछते हुए कहा
अंकित:- “…. बेशक तुम..”..(फिर कुछ सोचते हुए ) ठीक कहती हो…एक काम करो तुम मुझे एक लिस्ट बना कर दो मैं सब सामान ले कर आऊँगा…तुम्हारे लिए …”
अनामिका के हामी भरते ही … अंकित ने अपनी जेब से एक छोटा सा पैकेट निकालकर अनामिका को सौंपते हुए कहा
“मेरी माँ इसे अपनी बहू को देना चाहती थी पता नहीं तुम्हे नथ पहनना पसंद भी होगा या नहीं लेकिन …” इससे पहले कि अपनी बात पूरी कर पाता अंकित…अनामिका ने वो नथ पहन ली..लाल हरे दानों वाली नथ पहने वो बेहद खूबसूरत दिख रही थी ,
“कैसी दिख रही हूँ” उसने कहा और उठकर जाने लगी तभी अंकित ने उसका हाथ पकड़ा और अपने पास बैठाते हुए बोला
“यहीं मेरे सामने बैठो …मन करता है ..तुम्हे देखता रहूँ”
अनामिका:–“ओह्ह बड़े आये…देखता रहूँ…हा हा “
वो हँसती हुई उठकर तेज़ी से सोफे के पीछे चली गयी …अंकित “अरे ..अरे ” करता हुआ उसके पीछे .अनामिका वहां से भागती हुई गेलेरी में …और फिर सीढ़ियों पर,
अंकित उसके पीछे -पीछे जा रहा था और सीढयों पर रोककर उसे बाहों में कसते हुए बोला ” अब”?
“सरेंडर…” अनामिक ने कहा ,और अपना सिर, अंकित के सीने पर टिका दिया….
दोनों मुस्कुरा उठे…