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सीजन: 2-क्या अनामिका बापस आएगी -पार्ट: 6

“इतने नाजुक हाथों से किसी को मारना बिल्कुल अच्छी बात नहीं..राई” वो बशर्मी से मुस्कुराते हुए बोला, कि तभी एक जोरदार पंच रंजन के मुंह पर पड़ने की आवाज आई “और इन हाथों के बारे में तेरा क्या ख्याल है?” नीरज पंच मारने के साथ बोला 6. “गि…री…” उर्मिला के मुँह से धीरे से निकला! उस आदमी ने घोर अफसोस में ऐसे सिर हिलाया, मानों खुद का चेहरा दिख जाने का और खुद के पहचाने जाने का बहुत बड़ा अफ़सोस हुआ हो। फिर उसने बुत बनीं उर्मिला को कुछ पल देखा…और जाने के लिए मुड़ गया… “नहीं गिरी..गिरी…गिरी.री री…रुक जाओ…रुक जाओ…रुक जाओ गिरी… तुम्हें मेरी कसम…” उर्मिला ने उसे जाता देख गुहार लगाई, और उसके पीछे चल दीं! लेकिन वो इंसान जैसे बहरा हो गया हो, उसके तेज़ कदम भरपूर दूरी मापते से आगे बढ़ने लगे..और तब तक बढ़ते रहे…जब तक वो उर्मिला की आंखों से ओझल नहीं हो गया…उर्मिला के कदम उन कदमो से गति नहीं मिला पाए…और मन की निराशा ने उन्हें रोक दिया….उनकी आँखों से आँसू नहीं रुक रहे थे! वो घुटनों के बल वहीं जमीन पर बैठ गयीं “तुमने तब भी नहीं सुना था…आज भी नहीं सुना.. गिरी…एक बार तो सुनना था….कम से कम एक बार तो सुन लेते मेरी बात….एक बार तो पूंछ लेते मुझसे….”उर्मिला रोते हुए बुदबुदाई! *** ‘ये धम्म की आवाज कहाँ से आई…” बोलता हुआ आकाश बाहर की ओर दौड़ा और उसके पीछे- पीछे रोहित भी दौड़ा लेकिन अब तक अंधेरा होने लगा था…और कुछ भी साफ-साफ दिखना मुश्किल था… “शायद सीढियों पर रखा वो टूटा हुआ छज्जा नीचे गिरा ये उसकी ही आवाज थी” रोहित डरते हुए बोला “कौन है बाहर…आवाज दो ..मैंने पूँछा कौन है” राघव तेज आवाज में चीखते हुए कमरे से बाहर निकला “चाचा जी…हम हैं..हम…वो आ मैं रोहित और ये आकाश” रोहित ने जवाब दिया “ओह्ह.(खुशी से चहकते हुए) रोहित..आकाश…(फिर आगे बढ़ कर दोंनो को गले लगाते हुए) मेरे बच्चो …क्या शानदार उपहार दिया है तुम दोंनो ने मुझे, क्या कहूँ कितना खुश कर दिया है…ओह ! सालों बाद लगा जैसे जीवित हूं मैं…” राघव ने भावुकता में नम हो आयी आँखे पोंछी और आगे बोला “अच्छा ये तो बताओ…घर में सब ठीक हैं ना…?” “जी चाचा जी …” दोंनो ने एकसाथ जवाब दिया “ठीक है …तुम लोग हाथ-मुँह धो लो..मैं कुछ अच्छा सा बनाता हूँ तुम दोनों के लिए” राघव किचिन की ओर मुड़ गया और राघव की किचिन में जाते ही… “ये घर है…इसे घर कहते हैं..इसे…अगर इसे घर कहेंगे तो खण्डहर किसे कहेंगे… ” रोहित खीज कर बोला! “क्या यार छोड़ ना ये सब …देखा नहीं चाचा जी कितने खुश हैं हमें देखकर…” आकाश खुश होकर बोला “..मम्मी सच ही कहती हैं इनके बारे में, ये सनके हुए हैं”  रोहित फिर खीज कर बोला “क्या यार…अच्छा चल मैं नहा लेता हूँ” थोड़ी देर बाद “ये है मसालेदार बैंगन का भर्ता और ये रही मेरी वाली स्पेशल दाल..और ये रहीं रोटियां.थोड़ी मोटीं हैं लेकिन …अच्छा जरा खाकर बताओ तो …कैसा बना है खाना” राघव दोनों के सामने खाना रखते हुए बोला “फिलहाल तो जो मिल जाये, नियामत है..बड़ी तेज़ भूख लगी है.” रोहित जल्दी से एक निवाला मुँह में रखते हुए बोला “खाना सच में बहुत अच्छा बना है चाचा जी..” आकाश ने एक निवाला मुँह में रखते ही खाने की तारीफ की तो राघव का चेहरा खिल गया! *** राई तेज़ी से गेट के अंदर आई ! वो अपने क्लास की ओर मुड़ी ही थी कि लगा किसी ने उसका दुपट्टा उलझ गया है, वो खीजते हुए पलटी तो नजर एक जूते पर पड़ी जो उसके दुपट्टे पर रखा था, उसने गुस्से में नजर उठाकर ऊपर की ओर देखा, रंजन ढ़ीटता से खड़ा मुस्कुरा रहा था, रंजन राई का क्लासमेट ही था, 5 फ़ीट छ: इंच की लंबाई वाला रंजन औसत नैन-नख्श का लड़का था जिसके सिर के आगे का हिस्सा बालों से गायब हो गया था और जब तब उसे कॉलेज में कहीं भी सिगरेट पीते हुए देखा जा सकता था। “ये क्या बदतमीजी है रंजन?” वो गुस्से में चीखी “बदतमीजी?…मैंने क्या किया?…क्या बदतमीजी कर दी मैडम?” वो अनजान बनने का नाटक करता हुआ फिर मुस्कुरा दिया..राई उसके रवैए से बुरी तरह खीज कर बोली,  “ये तुमने अपना पैर मेरे दुपट्टे पर क्यों रखा है?” “ओह्ह…. च..च..च..ये मेरा पैर भी ना..”अपना पैर साइड में हटाते हुए वो बोला”  राई अपने दुपट्टे पर जूते के गंदे निशान देखकर गुस्से से भर गयी, “दुष्ट लड़का, इससे कुछ भी कहने -सुनने का कोई फायदा नहीं” बुदबुदाती हुई राई उससे कुछ भी ना कहने की सोचते हुए मुड़ी ही थी कि रंजन बोला,  “वैसे मानना पड़ेगा…पैर पड़ा भी तो किसके दुपट्टे पर…चॉइस अच्छी है.. नयी?” रंजन को मुस्कुराते देख, गुस्से से राई का खून जल गया “तुम्हारी इतनी हिम्मत..” कहते हुए राई ने अपना हाथ रंजन को थप्पड़ मारने के लिए उठाया ही था..कि रंजन ने उसका हाथ ना सिर्फ जोर से पकड़ा बल्कि इतनी जोर से भींच दिया कि राई के मुंह से “आहह”निकल गयी “इतने नाजुक हाथों से किसी को मारना बिल्कुल अच्छी बात नहीं..राई” वो बशर्मी से मुस्कुराते हुए बोला, रंजन से इस उदण्डता की उम्मीद भी नहीं थी राई को…स्टूडेंट भी धीरे-धीरे उनके आस पास खड़े होने लगे थे…उसकी समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करे…कि तभी एक जोरदार पंच रंजन के मुंह पर पड़ने की आवाज आई “और इन हाथों के बारे में तेरा क्या ख्याल है?” नीरज पंच मारने के साथ बोला राई की नजर जब नीरज पर पड़ी तो उसने मन ही मन राहत की साँस ली। “तू..?” “हां मैं…” नीरज ने बोलने के साथ ही राई को वहाँ से जाने का इशारा किया और अपनी शर्ट की आस्तीन ऊपर समेटने लगा…राई भी बिना एक पल और गवाएं वहाँ से तेज़ चलते हुए हटी और क्लासरूम की खिड़की से दोंनो को देखने लगी। “ना मुझे समझ नहीं आता..तू बीच में आने वाला होता कौड़ है..” पंच खाया रंजन खिसियाते हुए चीखा और साथ ही नीरज की ओर उसने अपना पैर मारने के लिए उछाला ही था कि नीरज ने उसका वही पैर पकड़ा और जोर से पीछे की ओर धक्का दे दिया ..अचानक से हुए इस प्रेशर

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क्या शादी करना जरूरी है? शादी के फायदे और नुकसान!

शादी सबके लिए जरूरी नहीं है| wedding is not for everyone | Is wedding necessary for everyone| kya shadi karna jaruri hai | shadi ki fayde aur Nuksan | Benefits of wedding | Can we live without wedding | शादी एक ऐसा टॉपिक है, जिस पर भारतीय समाज में शायद सबसे अधिक चर्चा होती है!  धरती पर जन्म लेने का पहला उद्देश्य खुश रहना है, जीवन को खोजना है, कुछ नया करना या गढ़ना है और इस क्रम में सबकी खुशी के स्तर अलग- अलग होते हैं! तब हम सबसे ही शादी करने की अपेक्षा (वो भी एक विशेष उम्र में)  कैसे कर सकते हैं ?  अगर इसके पीछे की सोच ये है कि “सब शादी करते हैं तो हमें भी करनी चाहिए” फिर तो ये महज परंपरा ढोना भर ही हुआ ना! हम सभी ने शादी के पक्ष में अब तक अनगिनत तर्क देखे और सुने होंगे साथ ही सलाह भी सुनी भी होंगी जिनमें जीवन मे शादी को कितनी तरजीह दी जाती है! कभी -कभी तो यहाँ तक लगता है कि जीवन के लिए शादी सबसे अधिक जरूरी और बड़ी घटना है !  लोगों की किसी भी चीज को लेकर अलग- अलग पसंद होती हैं! जैसे मनपसंद मिठाई, कपड़े, रंग, मूवी, एजुकेशन, विषय या प्रोफेशन! ये एक लंबी लिस्ट है ! लेकिन लोगों को या सलाहकारों को इसमें कोई आपत्ति नहीं है, उनके अनुसार लोगों की पसंद अलग- अलग होती है, और ये सहज है! लेकिन, जब यही बात शादी के बारे में हो! तो इसके लिए मान्यता है कि शादी करना सबके लिए जरूरी है! यहाँ सोचने वाली बात ये है कि, जब इस दुनिया की सभी चीजें सबके लिए नहीं हैं तो शादी जैसी बड़ी घटना सबके लिए अनिवार्य कैसे हो सकती है ? आइए, इस टॉपिक पर और डिटेल में बात करते हैं ! शादी करने के फायदे क्या हैं ? चलिए सबसे पहले शादी करने के कुछ उन फ़ायदों की बात करते हैं, जिन्हें अक्सर सलाह के तौर भी इस्तेमाल किया जाता है! – अब बात करते हैं, कि शादी ना करने के फायदों की? शादी ना करने के अनगिनत और बहुत फायदे हैं, आइए उन्हीं में से कुछ फ़ायदों के बारे में बात करें! क्या हम शादी के बिना रह सकते हैं? अगर चर्चा शादी के टॉपिक पर हो, तो इस सवाल का आना भी लाजिमी है ! तो इस सवाल को सबसे पहले खुद से ही पूंछना चाहिए! क्योंकि आपसे बेहतर इस सवाल का जवाब कोई भी नहीं दे सकता! बाकी अगर प्रामाणिकता के तौर पर देखा जाए, तो भारत में ही अनगिनत उदाहरण हैं, जिसमें ऋषि मुनि से लेकर हर दशक/ समय में ऐसे लोगों की लंबी फेहरिस्त को देखा जा सकता है! जिन्होंने अविवाहित रहकर सफलता के झंडे भी गाढ़े हैं! और शांतिदायक जीवन भी जिया है! अब ऐसा भी कोई नियम नहीं है कि अगर कोई अविवाहित रहने का निर्णय लेता है तो उसके लिए सामाजिक तौर पर किसी ऊंचे ओहदे को पाना अनिवार्य नियम है ! क्योंकि, सफल जीवन की परिभाषा भी हरेक व्यक्ति के लिए अलग ही होती है! क्या है शादी की सही उम्र ? शादी की सही उम्र भले ही कानूनी तौर पर लड़कियों के लिए 18 और लड़कों के लिए 21 है! लेकिन, आज के इस competitionभरे जमाने में इस उम्र तक जरूरी एजुकेशन पूरी करके, अपने पैरों पर खड़े होना बेहद Challenging है! फिर सामाजिक परिपक्वता आना तो बहुत दूर की बात रही! ये भी सच है कि इसमें कुछ अपवाद हो सकते हैं, बाबजूद इसके भी कुछ साल Life को Explore करने के लिए मिलने ही चाहिए! ऐसे लोग जिनकी शादी जल्दी हो जाती है, वे जीवन का एक Golden Era मिस कर देते हैं, जिसका पछतावा उन्हें उम्र भर रहता है!  “सच तो ये है, हरेक व्यक्ति के लिए शादी की उम्र उसकी परिस्थितियों के अनुसार होनी चाहिए, जिसमें – उम्र, सफलता और एक ऐसे साथी मिल जाना शामिल हो! जिसके लिए दिल और दिमाग दोनों कहे कि पूरी जिंदगी उस इंसान के साथ बिताई जा सकती है!“ देर से शादी करने के क्या नुकसान हैं! जब कोई कहता है कि शादी में देरी नहीं करनी चाहिये, तब इसका मतलब होता है कि देरी से शादी करने में संतानोत्पत्ति में समस्या हो सकती है!  और इसकी Females में बड़ी वजह है लड़कियों का एक (Fix amount of fertility Eggs) के साथ पैदा होना! और यहाँ समस्या ये है कि Naturally उनकी बॉडी सबसे पहले Most Fertile Eggs को ही बॉडी से (Menstrual cycle) के Through बाहर निकालती रहती है! इसलिए 30 साल की उम्र के बाद, जैसे -जैसे उम्र बढ़ती रहती है प्रेग्नेंट होने में मुश्किले आने लगती हैं! इसीलिए, संतानोत्पत्ति के लिए 25 से 30 साल की उम्र को सबसे सही माना गया है!  इसके अलावा देर से शादी करने में दूसरी बड़ी समस्या Couple का आपस में तालमेल ना बिठा पाना भी है!  Mature होने तक किसी भी इंसान की अपने Routine और Life style के साथ जीने की आदत बन चुकी होती है, जिसे बदल पाना आसान नहीं होता! Mature होने के साथ-साथ personality में ठहराव भी आता जाता है, और इनके साथ Adjust करने में लाइफ-पार्टनर को कई बार मुश्किल महसूस हो सकती है!  लेकिन Couples के आपसी प्रेम के आगे ये दोनों ही समस्याएं बहुत छोटी हैं! क्योंकि, सभी के लिए शादी के मायने अलग – अलग होते हैं! समय बदल चुका है! Couple अब एकदूसरे के प्रति संवेदनशील हो गए हैं! “कुल मिलाकर, बात किसी लड़की हो या लड़के की! शादी करना या ना करना एक निजी निर्णय होना चाहिए ! परिवार और समाज को भी इसे समझना चाहिए कि शादी बेहद व्यक्तिगत निर्णय है इसके लिए किसी पर दवाब बनाना पूरी तरह अनुचित है!” पेश हैं शादी के टॉपिक पर celebrities ने कुछ मजेदार कॉमेंट्स – -महिलाओं के लिए जरूरी नहीं है कि वो शादी करके बच्चे पैदा करें:- जया बच्चन (फिल्म अभिनेत्री) Source:-Indian express –मैं ये नहीं कहता कि शादी करना कोई गलत निर्णय है, प्रश्न ये है कि क्या आप शादी करना चाहते हैं? हरेक व्यक्ति का शादी करने का निर्णय सामाजिक दवाब ना होकर अपना होना चाहिए! – श्री सद्गुरु Source:-isha.sadguru.org

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लड़कियां/महिलायें शराब क्यों पीती हैं ? ladkiyan Sharab kyun peeti hain? Why do women drink Alcohol?

(Reason, Top state in drinking, Safe drink limit for women, Most famous Alcohol Brands, famous Alcohol among women, non smell drink) आज के दौर में इसके कई कारण हैं जैसे -जिज्ञासा वश, दोस्ती का दवाब, डिप्रेशन, एन्जाइटी, पीअर प्रेशर के कारण, मदहोश होने के लिए, या आदत हो जाना इसके साथ ही बराबरी का दवाब, कई जगह अधिक  ठंड से बचने के लिए भी महिलाओं को शराब पीनी पड़ती हैं ! वैसे महिलाओं  के लिए शराब पीना एक पश्चिमी सभ्यता का हिस्सा भी है !  भारत में किस एज ग्रुप की महिलायें सबसे अधिक एल्कोहॉल लेती हैं ?  (CADD) the Community Against Drunken Driving के अनुसार भारत की 18 से 25 वर्ष की आयु वर्ग  की महिलायें सबसे अधिक शराब पीती हैं! और भारत की कुल आबादी में इनका प्रतिशत 35% है ! वहीं, 2019 में शराब पीने में महिलाओं का प्रतिशत 26% था ! भारत में कौन से शहर की महिलायें शराब पीने में टॉप पर हैं ? अरुणाचल प्रदेश में शराब पीने में महिलाओं का प्रतिशत सबसे अधिक है! अरुणाचल प्रदेश में शराब पीने वाली महिलाओं का प्रतिशत 24% है !  एक दिन मे महिलाओं के लिए सेफ ड्रिंक की लिमिट कितनी है ? महिलाओं में सेफ ड्रिंक की मात्रा 1 ड्रिंक है, वहीं आदमियों के लिए 2 ड्रिंक है !  महिलाओं में शराब की अपर लिमिट पुरुषों की अपेक्षा कम क्यों होती है? इसके तीन कारण हो सकते हैं ! महिलाओं के लिए शराब का कितना सेवन हैवी ड्रिंकर की श्रेणी में आता है ? एक दिन मे 3 से अधिक ड्रिंक महिलाओं के लिए हैवी ड्रिंकर की श्रेणी में आता है ! -शराब पीने के बाद कुछ लोगों को उल्टी क्यों हो जाती है ? शराब पीने से शरीर मे पानी की कमी हो जाती है! इसके साथ ही अगर बॉडी मे पहले से ही पानी की कमी है! तो पानी की कमी से गैस तेजी से बनती है उस पर भी अगर पहले से ही अगर गैस जैसी समस्या से पीड़ित हैं तो समस्या आसानी से बढ़ जाएगी ! इसके साथ ही अगर दिन का  कोई मील स्किप हो गया है और शराब के साथ कोल्ड ड्रिंक्स या सोडा का आदि का अधिक उपयोग किया है या मन ना होने के बाद भी शराब सेवन किया है तो ये  बॉमिट के लिए बड़े कारण है ! महिलाओं के बीच खासी फेंमस ड्रिंक वोदका और वियर महिलाओं के बीच सबसे अधिक पसंद की जाने वाली ड्रिंक्स हैं,  जहां वियर में एल्कोहॉल की मात्र 40% होती है वहीं वियर में 6-8 % होती है ! इसके अलावा महिलायें मोजिटो और कॉकटेल का आनंद भी लेतीं हैं! कुछ एल्कोहॉल के ब्रांड और उसके Price  Alcohol Brands Price / Quantity Type The Macallan ₹3000/750ml Whisky Signature ₹1350/750ml Whisky Corona ₹200/330ml Beer Kingfisher ₹105/500ml Beer Bira91 ₹110/250ml Beer Heineken ₹230/650ml Beer Tuborg ₹110/650ml Beer Budweiser ₹130/750ml Beer नोट- समय के अनुसार इन दी गई कीमतों में बदलाव संभव है ! लंबे समय में शराब पीने से महिलाओं के स्वास्थ्य को होने वाले नुकसान क्या हैं ?     इसका शुरुआती कारण तो यही है कि महिलाओं को शराब की आदत पुरुषों की अपेक्षा जल्दी लग जाती है! इसके साथ ही शराब का लंबे समय तक सेवन कई तरह से नुकसानदायक है जिसमें     2. स्किन पर झुर्रियां आ जाना      3. बालों की चमक खो जाना      4. मोटापे की समस्या     5. एन्जाइटी     6. डिप्रेशन     7. मनोदशा मे बदलाब जिसका सीधा संबंध रिश्तों पर पड़ता है    8.  लिवर से जुड़ी समस्याएं    9.  दिल से जुड़ी समस्याएं    10. प्रेग्नेंसी से जुड़ी समस्याएं आदि शुरू हो  सकती हैं ! शराब पीने के मामले में कब खतरे की घंटी का इशारा समझ जाना चाहिये अगर कुछ दिनों या महिनो की एक निश्चित सीमा तक भी खुद को शराब से दूर रखने में सफल नहीं हो पा रहे हैं, तो ये आपके लिए खतरे की घंटी है ! और सजग हो जाने की जरूरत है ! आपको ये आर्टिकल कैसा लगा अपनी कॉमेंट जरूर दीजिए! धन्यवाद ! होम पेज अन्य पढ़ें – हॉरर स्टोरी फैमली स्टोरी ब्लॉग

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और ‘वो’ चुनरी संग उड़ गई !

Aur ‘Wo Chunri Sang Ud Gayi ! लकड़ी की जरूरत नहीं मधुर”….और इतना बोलते ही चंद्रा ने अपना एक पैर चूल्हे में रखा और आग जला ली..ये देख मधुर डर के मारे बदहवास सा दौड़ा पानी भरी बाल्टी उठाई और चन्द्रा के पैर पर उलट दी और गुस्से में बोला“ये क्या था चन्द्रा..ये क्या किया तुमने”“इतना प्रेम करते हो मुझसे”आंखों में प्रेम भर चन्द्रा ने मधुर को देखा फिर अपना पैर दिखाते हुए बोली“देखो कहीं लेश मात्र भी जला है क्या? तो, चलिए एक जिन्नादि और मासूम इंसान की प्रेम कहानी के सफर पर .. जुगनू दूध वाला.बदहवास सा .भूत…भूत …कहे जा रहा था,उसे देख गली के कुछ बच्चे उसके पीछे पीछे दौड़े,और कुछ महिलाएं भी साथ हो लीं ..सब एक ही बात पूछ रहे थे, “जुगनू भैया हुआ क्या ? …लेकिन जुगनू कुछ बोलने की हालत में ना था..दयाल सिंह जो .प्राइमरी के मास्टर थे, उधर से गुजर रहे थे,उन्होंने ये सब देखा तो उसी ओर  मोड़ कर अपनी साइकिल की  गति तेज कर दी,और आगे से जुगनू को पकड़ लिया ,”क्या हुआ जुगनू?“भैया …वो वो …भूत वहाँ”जुगनू की ऐसी हालत देख ,दयाल सिंह ने पास के पोखर से एक बच्चे को पानी लाने को बोला,और जुगनू को जबरदस्ती पकड़ नीचे बैठा दिया,और पानी के छीटें जुगनू के मुंह पर छिटक कर बोले“आराम से जुगनू,आराम से…ये बताओ हुआ क्या”?“भैया …मधुर के घर मे भूत है” जुगनू अपने दोनों हाथ हवा में उठाते हुए बोला“भूत.. मधुर के घर”उन्होंने चौकते हुए पूछा… “आराम से बताओ क्या देखा तुमने जुगनू ” दयाल सिंह ने जुगनू को संयत करते हुए पूछा“मैं ..रोज़ की तरह दूध देने गया था,रोज ही मुझे बर्तन बाहर रखा मिलता.. उसी में दूध पलट देता ..आज कोई बर्तन नहीं दिखा तो आवाज़ लगा दी..लेकिन जब बहुत देर तक कोई जवाब ही ना मिला.. तो किवाड़ खटखटाने  के लिए जैसे ही हाथ रखा वो अपने आप ही खुल गया..और अंदर ..अंदर मधुर भैया की पत्नी बैठी तो रसोई घर मे थी और उनके पेड़ जितने लम्बे हाथ आंगन में बने हैंडपम्प से पानी भर रहे थे”इतना कहते ही..जुगनू फिर डर से कांपने लगा, “क्या…क्या बकते हो ” ये सुन तो मास्टर जी भी डर गए“सच कह रहा हूँ भैया…रोज़ी रोटी की कसम”कसम खाते हुए जुगनू ने अपने गले की घाँटी पर हाथ रखा गांव के कई और लोग भी इस बीच आकर जुगनू की बात सुन चुके थे…“हम सबको मधुर के घर चलना चाहिए”सबने एक स्वर में कहा तो मास्टर साहब भी हामी में सिर हिलाते हुए जुगनू का हाथ पकड़  सबके साथ हो लिये….. मधुर भाई… हां मधुर को इसी नाम से जाना जाता..क्या औरतें क्या बच्चे और क्या आदमी ..पूरा कस्बा उन्हें मधुर भाई कहता.माता-पिता का देहांत तभी हो चुका था,जब वो स्नातक के विद्यार्थी थे, गुजारे के लिए आस पास के बच्चों को ट्यूशन पढ़ाने लगे,और आगे की पढ़ाई पूरी की,उसी कस्बे में प्राइमरी के  अध्यापक बन गये…एक तो पढ़े लिखे होने की वजह से सबसे सम्मान मिलता  और साथ ही वो हमेशा दांत निकालकर बात करते ,छोटे मोटे सबके काम कर देते.. विनम्र होने की वजह से भी वो और सबके चहेते बन गए,..लगभग महीनाभर ही बीता होगा कस्बे से बाहर गए,जब बापस आये तो दुल्हन साथ ,सब लोग खुशी से ज्यादा आस्चर्य चकित हो गए,  ..परन्तु  सीधे साधे मधुर ने सबको दावत दे खुश कर दिया..था…. आधे से ज्यादा गांव ही मधुर के घर की ओर बढ़ा आ रहा था, इतने लोगों को अपनी ओर आता देख मधुर थोड़ा घबरा गया, “मधुर, तुम्हारी पत्नी साधारण स्त्री नहीं..कौन है वो”मास्टर साहब ने पास आते ही मधुर से पूछा“क्या मतलब भैया ?कैसी बात कर रहे हो ? मधुर डरते हुए बोला“पूरा कस्बा ही संशय ग्रस्त है..कि वो कोई भूत …या.. कोई..अ..अ… देखो ऐसा है….आदमी तो दूर किसी स्त्री ने भी तुम्हारी पत्नी को नही देखा..ऐसा क्यों भला” मास्टर जी बोले “ये क्या कह रहे हो भइया..ठीक है … तनिक रुको” ..”चंद्रा जरा बाहर आना” मधुर ने गुस्से में आवाज लगाई तो ,चंद्रा बाहर आयी… लाल जोड़े में ऐसी सजी थी जैसे कल ही विवाह हुआ हो,लचकती सी चाल और व्यक्तित्व की आभा  देख सबकी आंखे खुली की खुली रह गयीं, गोरे हाँथ लाल चूड़ियों से कोहनी तक भरे और लंबा घूंघट.. ..सबकी आंखे उसके हाथों पर टिक गयीं ..इतने खूबसूरत हाथ देख महिलाओं की तो बोलती बंद ..कोई मन ही मन अपने हाथों से उसके हाथों का मिलान कर दुखी तो कोई मारे जलन के कहे..ना जाने कुछ करती भी है कि नहीं … काम करती तो इतने सुंदर हाथ होते क्या..हम्म मधुर कुछ कोई काम करने ही नहीं देता होगा “औरतों में घुसर-फुसर शुरू हो गयी…लेकिन कोई तेज़ आवाज में मधुर की पत्नी से कुछ नहीं बोला और जब औरते ही कुछ न बोली…. तो आदमी तो कहे ही क्या …सबको चुप देखकर मास्टर जी का उत्साह भी जाता रहा..सो अपनी झेंप छुपाने के लिए मास्टर जी ने जुगनू के सिर पर चपत मारी और बोले “ले तू हाथ देख ले अपनी भौजाई के .. साले..सबेरे सबेरे ही चढ़ा के निकलता है”और फिर सब धीरे-धीरे वहाँ से घिसक गयेसबके निकलते ही मधुर ने अपनी पत्नी को टोका “आगे से होशियार रहना …दरवाजा खुला न रहे कभी…”..चंद्रा ने स्वीकृति में सिर हिलाया…और अपने काम मे लग गयीमधुर की अच्छाइयों से कस्बे के लोग ही नहीं चंद्रा भी प्रभावित होकर आयी थी … ##हुआ यूँ …कि सर्दियों के दिन थे ..फरवरी के महीना रहा होगा, मधुर पास के कस्बे से एक बच्चे को ट्यूशन पढ़ा कर बापस आ रहा था कि कुछ बदमाशों ने उनकी साइकिल छीन ली, हड़बड़ाया सा मधुर बिनती करते रहा ,पर बदमाशों ने उसे परे धकेल दिया ..और उसकी साइकल छीन कर ले गये,.मधुर साईकिल छिन जाने से बहुत दुखी हुआ और आँखो में आँसू भरे वहीं जमीन पर बैठ गया….इतने में किसी का हाथ उसने अपने कंधे पर महसूस किया मुड़कर देखा तो अति सुंदर महिला गहनों से सजी उसे ही देख मुस्कुरा रही थी…”क्या हुआ इतने परेशान क्यों  हो” उस महिला ने पूछा “उन बदमाशों ने मेरी साइकल छीन ली है” तो रोते हुए मधुर ने कहा“बस्स इतनी सी बात”..और इतना कहते ही अगले पल ही साइकल मधुर के सामने ……चौंक गया

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