क्या अनामिका बापस आएगी? पार्ट -20

पार्ट – 20 by Sonal Johari अभी ऑफिस पहुंचा भी नहीं था कि राव सर ऑफिस से, निकलते दिखे ..अंकित को देखा तो उसी की ओर आ गए “अंकित …बेफिक्र हो जाओ अब तुम्हे नवीन कुछ नहीं कहेगा *** “हाँ ..मैंने उसे समझाया …और वो मान भी गया…कभी मिले भी, तो इस बारे में उससे बात मत करना बस्स “ “बहुत बहुत शुक्रिया सर ,आप का ये एहसान जिंदगी भर नहीं भूलूँगा” उसने बड़े दिल से ये बात बोली तो राव सर ने उसके कंधे पर हाथ रखते हुए कहा “इसमे एहसान की कोई बात नहीं ..बल्कि तुमने रुचिका की जान बचाकर हम सब पर एहसान किया है ” “नहीं सर..ऐसा भी कुछ नहीं किया मैंने ” अंकित बोला तो राव सर मुस्कुरा दिए .. ” ठीक है भई… अच्छा मैं चलता हूँ..कल मिलता हूँ तुमसे ..” अंकित साइड में हट गया और राव सर गाड़ी में बैठ निकल गए अंकित अपने केविन में आया और सीट पर आंखे बंद कर बैठ गया …अनामिका के कहे हुए शब्द उसके कानों में मानो बज रहे हों ..बहुत मखमली एहसास को जी रहा था ..चेहरे पर आई मुस्कान और देर भी बनी रहती …अगर एक्स्टेंशन पर फ़ोन नहीं आया होता ..उसने रिसीवर उठाया ..उधर से राहुल बोल रहा था.. “अंकित ..जरा आओ ना बस ….थोड़ी देर के लिए “ “हम्म ..”बोलकर उसने रिसीवर रख दिया खिले चेहरे पर विषाद के भाव आ गए अंकित के….वो खुद में बुदबुदाया ‘कोई फर्क नहीं पड़ता अब मुझे ..तुमसे राहुल ..कोई नहीं …मैं पहले ही जीत चुका हूँ…तुम्हारा एकतरफा प्यार ..एकतरफा ही रहेगा…बल्कि मुझे तो तुमसे हमदर्दी होनी चाहिए ..हम्म ” वो मुस्कुराया और राहुल के केविन की तरफ चला गया …राहुल ..दो बड़े चार्ट मेज़ पर फैलाये ..मुंह में पेन का कैप फॅसा ..एक हाथ मे पेन और दूसरे हाथ में बड़ा सा स्केल लिए खड़ा था…जैसे ही अंकित अंदर पहुंचा उसने मुँह में से पेन का कैप, फूंक मार बाहर निकाला और बोला “अंकित …आओ बैठो …बहुत मेहनत के बाद मैंने ये दो फाइनल ..डिजाइन बनाई हैं .(दो मॉडल की तरफ इशारा कर के ) ये बताओ कि दोंनो डिजाइनों में से कौन सी डिजाइन ज्यादा अच्छी है ..बस्स फर्क ये है कि ..इस डिजाइन में (एक मॉडल की ओर इशारा करते हुए ) लोगों के बैठने के लिए जगह कम है बल्कि इसमें (दूसरी डिजाइन की ओर इशारा कर के) ज्यादा जगह है अंकित मन ही मन ” ये पूछ ना … कि मुझे तेरी शक्ल पसंद है या नहीं …तब मैं बताता कि दुनिया की हर चीज़ पसंद है मुझे .. बस तेरी शक्ल नहीं ….काश… कह पाता” राहुल ने उसे चुप देखा तो बोला “क्या सोच रहे हो..बेझिझक बताओ ना कौन सी बेहतर है” अंकित ने यूँ ही ..अपने हाथ पे बंधी घड़ी को खोला और और फिर से बांध लिया ये जताने को जैसे बहुत गहनता से डिजाइन के बारे में सोच रहा है ..लेकिन ठीक से देखा भी नहीं और एक डिजाइन पर उंगली रख दी, बोला “मुझे ये ज्यादा बेहतर लग रही है “ राहुल के चेहरे पर मुस्कान आ गयी ..”वाह ..मुझे भी ये डिजाइन ज्यादा पसंद है .लोग ज्यादा बैठने वाली जगह को पसंद करेंगे …फाइनल डिसीजन तो अंकल ही लेंगे …बहुत बढ़िया यार” “तो चलूँ.. मीटिंग की तैयारी करनी है ” अंकित ने उठते हुए कहा “हाँ ..ठीक है …अच्छा सुनो अंकित …जब भी तुम्हे देखता हूँ..लगता हैं हम पहले भी मिल चुके हैं” अंकित ने सोचा अगर ना बताया तो ये सोचता रहेगा ..बता देने से शायद इसका भृम भी खत्म हो जाये और ये सोचे भी ना कि इसे, इसके घर मे जाकर पीट आया हूँ ….सो उसने ..बोला “जी…काफी दिनों पहले .. मार्केट में ,हम टकरा गए थे एक दूसरे से .आपका वॉलेट गिर गया था..और…” अंकित की बात बीच मे काटते हुए वो बोला “और उस वॉलेट को तुमने उठा कर मुझे दिया था ..याद आया ” वो खुश होते हुए बोला “जी” अंकित ने बोला और ….जाने लगा “वॉलेट के गिरने से कोई दिक्कत नहीं ..लेकिन उसमें अनामिका की फ़ोटो जो थी.. आह..”उसने मुस्कुराते हुए कहा,और फ्रेम लगी अनामिका की फ़ोटो हाथ मे लेकर उसे अपने सीने से लगा लिया ये शब्द सुन कर और उसे अनामिका की फ़ोटो उसे, ऐसे सीने से लगाये देखकर… अंकित के तन बदन में आग लग गयी वो तेज़ी से पीछे पलटा ..उसके मन ने रोका ‘नहीं अंकित …इग्नोर कर ..जरूरत नहीं है बेकार में “”बहुत हुआ …जवाब दे गया है मेरा धैर्य.. “अंकित बुदबुदाया “क्या रिश्ता है अनामिका से तुम्हारा”? अंकित ने पूछा “तुम ऐसे ..कैसे पूछ रहे हो ?” उसने तनिक आवेग में आते हुए पूछा “क्यों ना पूछूँ ..वो जिंदगी है मेरी ..प्यार करता हूँ उससे मैं” अंकित ने भी आवेग में जवाब दिया राहुल :-“क्या …क्या बकवास करते हो “? अंकित:-“बकवास तो तुम कर रहे हो ..बहुत हुआ ..बहुत किया बर्दाश्त मैंने ..अब नहीं” गुस्से में अंकित की आंखे लाल हो आयी राहुल :-“बर्दाश्त तो मैं कर रहा हूँ …तुझे.. “बोलते हुए वो कुछ कदम चलकर अंकित के पास तक आया ..और अपने हाथ को उसने पंजे की तरह इस्तेमाल करते हुए अंकित का जबड़ा पकड़ लिया ..और पीछे की ओर धकेलता हुआ दीवार तक ले गया ..दीवार से सटाकर अपना चेहरा बिल्कुल अंकित के चेहरे पास लाते हुए बोला ” अगर कुछ वक्त पहले भी तूने ये बोला होता ना …तो तुझे यहीं मसल देता …और मसल तो अब भी सकता हूँ लेकिन अंकल को खास लगाव है तुझसे …और अंकल से मुझे … …बात रिश्ते की पूछी ही है.. तो सुन …तुझ जैसे जाने कितनों को छोड़ कर ,उसने (फिर अपना बाएं हाथ की उंगली में पहनी अंगूठी दिखाते हुए )ये अंगूठी ..सबके सामने पहनाई थी मुझे ..समझा…” और एक झटके के साथ उसे छोड़ते हुए वो बापस अपनी सीट पर बैठ गया… टेबिल के ड्रॉर में से बीयर की बोतल निकाली और एक घूंट पीने के बाद अंकित की ओर देखकर बोला “बेफिक्र रह ..बच्चा नहीं हूँ मैं …जो ये बात अंकल तक पहुँचाऊँ ..पहली गलती है तेरी, इसलिए छोड़ता हूँ ..आगे से मुझे अपना ये एटिट्यूड मत दिखाना …समझा” अंकित जो उससे दो दो हाथ

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क्या अनामिका बापस आएगी? पार्ट -19

पार्ट – 19 by Sonal Johari Summery “तुम्हारी बेचैनी और आशंकाओ का इससे बेहतर जवाब नहीं है मेरे पास अंकित…लो भर दो मेरी मांग ..” कहते हुए उसने अपना सिर उसकी ओर कर दिया Language: Hindi buy on amazon Read Excerpt यूँ ही बैठी वो शून्य में ताक रही थी,अंकित ने उसे देखा तो बोला “अनामिका ,तुम ठीक तो हो ..? “हे…आज इतनी जल्दी …मैं तो खुश हूँ… तुम तो ठीक हो ना ? बताओ क्या लाऊँ .. क्या खाओगे ? उसने चहकते हुए पूछा “कुछ नहीं …बस्स यहाँ आकर मेरे पास बैठो …जरूरी बात करनी है “ “हाँ.. हाँ ..बोलो ना ” अंकित जहाँ सोफे पर बैठा था ..वो उसी के पैरों के पास जमीन पर पास बैठते हुए बोली “हरेक बच्चे की तरह तुम भी अपने पेरेंट्स से बेहद प्यार करती होगी ..है ना”? “हाँ बिल्कुल …करना भी चाहिए ” उसने अंकित के घुटने पर हाथ रखते हुए कहा “हाँ ..बिल्कुल करना चाहिए ” अंकित ने सहमति में सिर हिलाया “तो अगर कल को ..तुम्हारे पेरेंट्स ..तुम्हारे लिए एक ऐसे लड़के को पसंद करे..जिसके पास ज्यादा पैसा हो…जो बाहर से पढ़ कर आया हो ..और जो एक प्रतिष्ठित परिवार से हो …तो क्या तुम मान लोगी उनकी बात ? छोड़ सकती हो ऐसे हालात में मुझे? “क्यों पूछ रहे हो ऐसे “? “इसलिए कि मेरी जिंदगी का हिस्सा भर नहीं हो तुम ..बल्कि जिंदगी हो ..मेरी हर खुशी ..उम्मीद ..सब तुमसे है ..बताओ ना ..अनामिका ” “रुको अभी आयी …”अंदर की तरफ मुड़ते हुए वो बोली “कहाँ जा रही हो …पहले जवाब दो …मेरी बात का “लेकिन अनसुना कर वो अंदर चली गयी और कुछ सेकेंड में ही बापस आयी तो हाथ मे एक छोटा सी डिब्बी लिए हुए ..और लाकर उसने अंकित के हाथ पर रख दिया उस डिब्बी को.. “क्या है ये ” ?बोलते हुए, अंकित ने… उसे खोला और चौकते हुए अनामिका की ओर देखा ” ये ..ये तो सिंदूर है..अनामिका “ “तुम्हारी बेचैनी और आशंकाओ का इससे बेहतर जवाब नहीं है मेरे पास अंकित…लो भर दो मेरी मांग ..” कहते हुए उसने अपना सिर उसकी ओर कर दिया “ओह अनामिका …तुमने तो ..निरुत्तर कर दिया मुझे …एक ही झटके में मेरी सारी आशंका और डर खत्म…अब मुझे किसी का डर नहीं …किसी का नहीं ” फिर उसे गले लगाकर “बहुत प्यार करता हूँ तुमसे …बहुत…और हाँ सिंदूर सबके सामने भरूँगा …चलता हूँ “ “इतनी जल्दी ..रुको ना “ “नहीं ..मिलता हूँ ना शाम को ..” “नहीं अंकित ..अभी रुको “ “कहा ना मिलता हूँ ..शाम को …तुम अपना ख्याल रखो बस्स..बहुत हुआ …शादी करनी है तुमसे जल्दी से मुझे ..” और बो दौड़ता सा निकल गया …”अंकित रुक जाओ ना “अनामिका बोली लेकिन अंकित ने इशारे से कहा शाम को आ रहा हूँ …और दौड़ता सा चला गया …. Part-20

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क्या अनामिका बापस आएगी? पार्ट – 18

पार्ट – 18 by Sonal Johari Summery मुझे तो लगा बस्स आकर्षित होगा ये अनामिका की ओर… लेकिन इसने तो बकायदा अनामिका का फोटो अपने टेबिल पर सजा रखी है…मतलब ..कहीं ये सीरियस तो नहीं? Language: Hindi buy on amazon Read Excerpt “हेलो “… अंकित के मुंह से निकला “हम्म …अंकित …बहुत सुना है तुम्हारे बारे मे …अंकल बहुत तारीफ करते हैं तुम्हारी ” राहुल ने कहा उन दोनों को हाथ मिलाते देखकर राव सर बहुत खुश होते हुए बोले “बहुत बढ़िया… मुझे यकीन है ..तुम दोंनो मिलकर काम करोगे ,तो ..युवाशक्ति अच्छे नतीजे लेकर ही आएगी “ जवाब में दोंनो मुस्कुरा भर दिए ..जहाँ राहुल ये बोलकर कि ‘कल मिलते हैं ‘चला गया…वहीं अंकित को राव सर ने एक लेटर टाइप कराने के लिए रोक लिया …एक मामूली सा लेटर टाइप करने में भी बहुत टाइम लग गया अंकित को क्योंकि. राहुल को देखने के बाद वो मानसिक तनाव में आ गया था बाद में राव सर ने उसे कुछ पेपर्स देते हुए कहा “अंकित …जरा ये पेपर्स राहुल के केविन में रख दोगे क्या ?? “क्यों नहीं सर …जरूर ” कहते हुए उसने पेपर्स उनके हाथ से ले लिए ..और राहुल के केविन में जाकर जैसे ही पेपर्स टेबिल पर रखे.. उसकी नजर टेविल पर रखे एक फ़ोटो फ्रेम पर चली गयी…हाथ मे फोटो फ्रेम उठाते ही उसका गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच गया.. वो बुदबुदाया “मुझे तो लगा बस्स आकर्षित होगा ये अनामिका की ओर… लेकिन इसने तो बकायदा अनामिका का फोटो अपने टेबिल पर सजा रखी है…मतलब ..कहीं ये सीरियस तो नहीं? …(दांत भीचते हुए) कमीना.. अपने केविन में आकर अंकित विचारों में उलझ गया “जितनी बार मैं खुद को सम्भालता हूँ ..उतनी ही बार एक नयी उलझन अंकित का मन :-“बेकार में ही परेशान है तू यार ..उसने पहचान नहीं पाया तुझे..और राव सर ने एक और काम में शामिल कर तुझ पर भरोसा जताया है ..फिर दिक्कत कहाँ है ? अंकित :-दिक्कत ही दिक्कत है..ये राहुल का बच्चा ..सीरियस है उसके लिए “ अंकित का मन :-सौ बातों की एक बात ..अनामिका प्यार करती है .तुझसे..इससे बड़ी बात क्या हो सकती है? ‘ हम्म ..जानता हूँ.. लेकिन क्या करूँ….. उसका रुतवा …पैसेवाला होना …और राव सर जैसे इंसान से जुड़े होना ….मुझे डर लग रहा है ..कहीं… “ अंकित का मन :- बेकार में परेशान मत हो अंकित…वो कितना प्यार करती है तुझसे…कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता “ अंकित :- “हम्म..हम्म …सही है…बस्स बेचैनी और घबराहट है मुझे..क्यों ना अनामिका के पास ही चला जाये शायद उससे मिलकर मुझे सुकून मिले ” और इतना सोचते ही राव सर को ये बोल “कि कुछ पर्सनल काम है ..जल्दी लौट आऊंगा “अंकित …अनामिका से मिलने पहुँच गया .. Part-19

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क्या अनामिका बापस आएगी? पार्ट – 16

पार्ट – 16 by Sonal Johari Summery बहुत मुबारक हो..बहुत दिनों से हमारा एक ड्रीम प्रोजेक्ट है उस पर राहुल काम भी कर रहा है..जगह भी चुन ली है मैंने.. जल्द ही इस पर काम शुरू करेंगे..   Language: Hindi buy on amazon Read Excerpt राव इंडस्ट्री सूरज सिर पर छोटी सी पट्टी बांधे ऑफ़िस आया था ..अंकित ने उसके पास जाकर एक सिगरेट का पैकेट थमा दिया…और बोला “कैसे हो अब “ “बेहतर हूँ यार ..जरा सी तो चोट ही लगी है” सूरज ने सिगरेट निकालते हुए कहा अंकित:-“जरा सी …कल तो तुम्हारी हालत देखने लायक थी तुम तो ऐसे कराह रहे थे जैसे ना जाने कितनी चोट लगी है…अंकित ने हँसते हुए कहा सूरज :-“अमा यार ..हालत तो ये सोचकर खराब हुई कि मेरे बाद मेरी बेटी का क्या होगा.. बीबी की तो कोई चिंता नहीं “ अंकित”:-“अच्छा …बीबी की क्यों नहीं “? सूरज :-“वो मेरे बिना और मैं उसके बिना ज्यादा खुश हैं” अंकित :-“काश ..मैं तुम्हारी इस मामले में कोई मदद कर पाता ..लेकिन” सूरज :-“छोड़ो यार …ऊपर वाले ने मदद नहीं की.. तो …” अंकित:-“अनामिका ना होती तो तुम्हें निकाल भी ना पाता मैं… उससे मिला भी नहीं पाया “ सूरज :-“कौन ?किससे ?” अंकित :-“ वही जिसने तुम्हें खड्ढे से निकलने में मदद की ..” सूरज :–मुझे तो ..बस्स यमराज दिखते रहे ” अंकित :–हा हा …क्या यार .अच्छा .तुम परेशान थे ना इसलिए ..वैसे भी सब बड़ी जल्दी हुआ .. अंकित सर…आपको राव सर बुला रहे हैं ” तभी संपत ने आकर बोला ‘हम्म ‘ बोलते हुए अंकित राव सर के केविन की ओर भागा बड़े खुश दिख रहे थे राव सर ..उसे देखते ही बोले “अंकित …गोपाल दास से डील पक्की कर ली है मैंने .” अंकित:–“बहुत मुबारक हो सर “ राव सर :–“तुम्हे भी भई… बहुत मुबारक हो..बहुत दिनों से हमारा एक ड्रीम प्रोजेक्ट है उस पर राहुल काम भी कर रहा है..जगह भी चुन ली है मैंने.. जल्द ही इस पर काम शुरू करेंगे.. Part- 17

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क्या अनामिका बापस आएगी? पार्ट – 17

पार्ट – 17 by Sonal Johari Details Summery वो सबके बीच आ गई नाचते नाचते . उसके पैर जादुई तरीके से थिरक रहे थे ..उनकी फुर्ती देखते ही बनती थी ..एक अजीब समा बंध गया था .. लोग उसे अपलक देख रहे थे .. और उसके नृत्य से मुग्ध होने लगे थे.. अब वो नाचते -नाचते अपनी सुध -बुध खो बैठी थी.. एक अनजाना डर मधुर के मन में कौंधा और अब तक उसके पैर जमीन से ऊपर उठ चुके थे .. Language: Hindi buy on amazon Read Excerpt राव सर :–इतना कह देने से काम नहीं चलने वाला..अंकित तुम्हे उस प्रोजेक्ट में काम करना होगा ..मेहनत करनी होगी…हम शॉपिंग मॉल बनायेंगे “ “लेकिन सर मुझे इसका कोई अनुभव नहीं ” अंकित ने कहा तो राव सर बोले “क्या तुम्हें पर्सनल अस्सिस्टेंट का अनुभव था अंकित”? अंकित चुप हो गया, तो राव सर बोले ,”अंकित.. ना सही इस बिज़नेस की नॉलेज लेकिन कम से कम ये तो बताओगे प्लान कैसा है …जो योजनाएं हम बनाये उस पर अपनी राय रखो …और बेहतर कैसे हो …इस पर सुझाव दो..ऐसा तो कर पाओगे? अंकित :- “बहुत खुशी से सर “ राव सर :– ठीक है,में तुम्हे मिलाता हूँ राहुल से.. उन्होंने एक्स्टेंशन पर फ़ोन किया “राहुल …जरा मेरे केविन में आओ “ ऑफिस के ही एक दूसरे केविन में बैठा वो काम कर रहा था …जल्दी ही राव सर के सामने आ कर बैठ गया…उसे देख अंकित अपनी सीट से उठ कर खड़ा हो गया …राव सर बोले “ये हैं राहुल …मेरे भतीजे …अमेरिका से हाल ही में लौटे है..आर्किटेक्ट हैं ये ही उस प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं.. मुझे यकीन है तुम राहुल के साथ रहे तो ये ज्यादा बेहतर तरीके से और उत्साहित होकर काम कर पायेगा ” राव सर की कोई बात अंकित के कानो में नहीं पहुंची बस्स उसके चेहरे पर गुस्से ,नफरत और आश्चर्य के भाव आ गए थे …राहुल को देखकर .. एकाएक सब याद हो आया ..अंकित के दिमाग मे जैसे पूरी रील चल गई हो …उसका बाज़ार में मिलना ..टकराना ..अनामिका का फोटो गिर जाना.. फिर उसका अनामिका के घर के बाहर खड़े होकर फ़ोटो क्लिक करना …और घर मे जाकर उसके मुँह पर पंच मारना … उसने अपने मन मे कहा …तो ये मस्कुलर ..राव सर का भतीजा है…अब मुझे ये पहचान लेगा और राव सर मुझे जॉब से तो निकालेंगे ही साथ ही साथ जो मुझसे प्रभावित रहते हैं ..जब इस राहुल से सुनेंगे कि मैंने मारपीट की है इसके साथ ..तो हो सकता है जॉब से निकालने के साथ ..बुरा भला भी कहें… ठीक है ..जो होगा देखा जाएगा … “क्या सोच रहे हो अंकित… राहुल कब से तुमसे हाथ मिलाना चाह रहा है…कहाँ खोये हो ?” राव सर ने कहा तो, अंकित अपनी सोच से बाहर आया देखा तो हाथ बढ़ाये वो मस्कुलर यानी राहुल उसी की ओर देख रहा था … “कुछ नहीं सर..कुछ भी नहीं सॉरी वो जरा ” हड़बड़ाते हुए अंकित के मुँह से निकला…. और उसने अपना हाथ बढ़ा कर राहुल के हाथ पर रख दिया ……बड़े गर्मजोशी से हेंडशेक किया.. Part-18

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क्या अनामिका बापस आएगी? पार्ट -15

पार्ट -15 by Sonal Johari Details Summery वो सबके बीच आ गई नाचते नाचते . उसके पैर जादुई तरीके से थिरक रहे थे ..उनकी फुर्ती देखते ही बनती थी ..एक अजीब समा बंध गया था .. लोग उसे अपलक देख रहे थे .. और उसके नृत्य से मुग्ध होने लगे थे.. अब वो नाचते -नाचते अपनी सुध -बुध खो बैठी थी.. एक अनजाना डर मधुर के मन में कौंधा और अब तक उसके पैर जमीन से ऊपर उठ चुके थे .. Language: Hindi buy on amazon Read Excerpt “आप को नहीं लगता..आपने कुछ महंगा सौदा कर लिया” उसने मुस्कुराते हुए पूछा “नहीं …बल्कि सस्ता…अंकित दूर की कौडी साबित होगी. “ बड़े इत्मीनान से राव सर ने पानी का गिलास उठाया और घूंट भरते हुए कहा “मतलब “उसने भौंहें सिकोड़ते हुए पूछा “मतलब ये …उसे मैं जो भी काम सौंपता हूँ ..ना सिर्फ वो उसे बेहतरीन तरीके से करता है , बल्कि एक नई उम्मीद भी लेकर आता है हमेशा ..मेरे काम को वो बहुत अच्छी तरह से बढ़ा सकता है.” “इतना भरोसा है आपको उस पर ” उसने मुस्कुरा कर कहा “नहीं… खुद पर…और मत भूलो ..एक अच्छा जौहरी ही सच्चे हीरे की कीमत जानता है… उन्होंने कुर्सी से उठते हुए कहा …और दोंनो ऑफिस से बाहर निकल गए *** वो आज बाहर ही थी..पौधे लगा रही थी..बालों को हल्का सा बांधे… ढीले कपड़े पहने..लंबी बाहों वाली ड्रेस कभी हथेलियों तक आ जाती तो दांतो से पकड़ ..उसे ऊपर की ओर खींचती…तो कभी ठीट बाल जो चेहरे पर आ जाते… तो उन्हे सिर झटक पीछे कर देती …मिट्टी में सनी भी कितनी खूबसूरत लग रही है ..वहीं उसके घर की सीढ़ियों पर बैठ वो हथेली पर अपना चेहरा टिका उसे निहारने लगा… मिट्टी में खाद मिलाकर उठी और थोड़ी दूरी पर रखा हुआ गमला उठाया, शायद भारी वजन के कारण लड़खड़ा गयी ..इससे पहले कि गिरती ,अंकित ने दौडकर उसे और सीमेन्ट के गमलें दोनों को संभाल लिया…अंकित को देख वो खुश हो गयी ..अंकित अपने एक हाथ मे उसे थामे था.. दूसरे में सीमेंट के बने गमले को …कुछ पल यूँ ही एक दूसरे को देख बीत गए …वो चिहुंक कर खुश होते हुए बोली “तुम कब आये “ अभी बस्स कुछ ही मिनट पहले “ “हाथ नहीं दुख रहे तुम्हारे ” उसने पूछा “तुम फूलों सी नाजुक और हल्की…सारी जिंदगी ऐसे ही उठाये रख सकता हूँ” “और इस गमले को भी ” उसने गमले की ओर इशारा करते हुए कहा …तो अंकित ने मुस्कुराते हुए गमले को नीचे रख दिया और बोला “ओह्ह..जब तुम सामने होती हो ना …मुझे कुछ नहीं दिखता ” और झुककर उसने अनामिका के होठों को चूम लिया .. “बताया क्यों नहीं …कब से आये थे ? उसने हटते हुए कहा “बता देता ..तो ये खूबसूरत नजारा कैसे देख पाता “ “खूबसूरत …फिर अपने दोनो हाथ उसे दिखाते हुए “देखो जरा …मिट्टी लगे ये हाथ क्या खूबसूरत हैं इनमें” “तुम नहीं समझोगी “ “क्यों …ऐसा भी क्या है”? “कहा ना ….नहीं समझोगी” “बताओ भी..” “बस्स यही ..तुम कैसे भी हाल में हो… मुझे सुंदर ही दिखती हो .” वो अनामिका की आंखों में देखते हुए बोला ..और कुछ पल दोनों एक दूसरे को अपलक ऐसे ही देखते रहे..फिर वो बोली.. “अच्छा रुको…बस्स पांच मिनट में आई ” और अंदर मुड गयी …अंकित भी उसके पीछे – पीछे अंदर चला गया.. जब तुम ऐसे बोलती हो ना …मुझे बिल्कुल घबराहट नहीं होती” वो सोफे पर बैठते हुए बोला.. “घबराहट होनी भी क्यों चाहिए “? उसने पलटते हुए पूछा “”इंतज़ार करने के ख्याल से घबराहट होना लाज़िमी है लेकिन,…मुझे तुम्हारा इंतज़ार नहीं करना पड़ता ,जब तुम बोलती हो..पांच मिनट में आई …लेकिन आ तुम चार मिनट में ही जाती हो….बस्स हमेशा ऐसी ही रहना शादी के बाद भी..रहोगी ना”? वो मुस्कुरा दी तो अंकित ने कहना जारी रखा”मैं दुनिया का सबसे खुशनसीब इंसान हूँ.और जल्द ही एक खुशनसीब पति भी बंनने वाला हूँ…चेंज करने जा रही हो ना ? अनामिका:-“हम्म” अंकित:-“मिट्टी लगे ये हाथ .बिखरे बाल …तुम ऐसे भी खूबसूरत लग रही हो ..यकीन करो..मेरी आँखों से देखो” अनामिका:–ऐसे भी ? (आँखे बड़ी करते हुए ).लड़के कभी खूबसूरती नोटिस करना नहीं भूलते …ना..”? शरारत से मुस्कुराते हुए बोली वो अंकित:–“कभी नहीं.. कम से कम मैं तो कभी नहीं…. हो सकता है कुछ अपवाद हो…इसीलिए मैं कहूंगा ..की सौ में निन्यानबे परसेंट तुम ठीक कह रही हो.” बड़े खुश होते हुए बोला और अपने बनाये हुए नोट्स देखने लगा ,अनामिका उसकी ओर बड़ी प्रभावित होकर ..प्यार से कुछ देर अपलक देखती रही..फिर दौडती हुई उसकी ओर आयी …अंकित ने देखा तो उठकर अपनी बाहें खोल दी ..और अनामिका उनमे समां गई … कुछ पल ऐसे ही बीत गए “तुम ठीक तो हो ..अंकित ने उसके बालों में हाथ फेरते हुए पूछा तो उसने हाँ में सिर हिलाया…तो अंकित बोला “चिंता रहती है… मुझे तुम्हारी हमेशा …समझ नहीं आता क्या करूँ” अनामिका :–“तुम भी …अच्छा रुको ..अभी आयी “ अनामिका बोली और अंदर चली गयी थोड़ी ही देर में बापस आयी तो एक आसमानी कलर की साड़ी पहने हुए… “बिल्कुल परी लग रही हो…बात क्या है आज”? अंकित ने खुशी से पूंछा “बात ये है ..आज हम घूमने जा रहे हैं ”  “सच”? “हाँ ..हाँ..” उसने बाहर निकलते हुए बोला “मुझे तो अब तक यकीन नहीं हो रहा” अंकित बोला और उसके पीछे हो लिया… …… अभी थोड़ी दूर ही निकल पाए होंगे कि सामने सड़क पर सूरज आता दिखा..अंकित ने उसे देखा तो बोला  “अनामिका वो देखो ..सूरज ..वो जिसकी मैं बात कर रहा था” उसने उंगली का इशारा सूरज की ओर कर उसे बताया अनामिका:-“हम्म …अच्छा”  अंकित :-“क्या अच्छा… चलो मिलाता हूँ” और अनामिका कुछ बोलती… इससे पहले ही अंकित ने  सूरज को आवाज लगा दी और इशारे से पास बुला लिया..सूरज ने अंकित को देखा तो दौड़ा आया “अरे यार तुम यहाँ कहाँ ?” उसने सिगरेट का कश खींचते हुए कहा “बस्स ऐसे ही ..अच्छा इनसे मिलो…”कुछ आगे बोल पाता…इससे पहले ही तेज़  हवा का एक बबंडर सा उठा और देखना तो दूर..खड़े रह पाना मुश्किल हो गया तीनो का… “हे ये क्या हो गया अचानक ” …सूरज ने अपना चेहरा ढकते हुए कहा 

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